किसान की कहानी: नौकरी छोड़कर 30,000 किसानों की कमाई 4 गुना बढ़ाई

नौकरी छोड़कर खेती की राह
सुवास बाली पहले एक कंपनी में काम करते थे। MBA करने के बाद उन्होंने 4 साल ऑफिस में नौकरी की, लेकिन उन्हें मज़ा नहीं आया। इसलिए उन्होंने अपने गाँव विदर्भ लौटकर खेती करने का फैसला किया।

विदेशी सब्ज़ियों की खेती
विदर्भ में ज़्यादातर लोग कपास और सोयाबीन उगाते हैं, लेकिन सुवास ने कुछ नया किया। उन्होंने अपने खेत में विदेशी सब्ज़ियाँ जैसे लाल-पीली शिमला मिर्च, ब्रोकली, चेरी टमाटर और आइसबर्ग लेट्यूस उगाना शुरू किया।

छोटी ज़मीन से ज़्यादा कमाई
सुवास कहते हैं कि अगर सही फसल और सही तरीका अपनाया जाए, तो 2 एकड़ ज़मीन से भी बहुत अच्छी कमाई हो सकती है।
एक उदाहरण - 1 एकड़ लाल गोभी की खेती से सिर्फ 3 महीने में 8 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। जबकि सोयाबीन की खेती से 6 महीने में सिर्फ 25,000 रुपये ही मिलते हैं।

नई तकनीकों का इस्तेमाल
सुवास ने ड्रिप इरिगेशन (पाइप से बूंद-बूंद पानी देने का तरीका) अपनाया ताकि पानी की बर्बादी न हो और फसल अच्छी हो।


30,000 किसानों की ज़िंदगी बदली
सुवास ने खुद की खेती के साथ-साथ दूसरे किसानों को भी सिखाना शुरू किया। 2021 में उन्होंने 'रुद्रायणी एग्रो इंडिया' नाम की एक संस्था बनाई, जिससे छोटे किसानों को बड़ा बाज़ार मिले। अब उनकी सब्ज़ियाँ मुंबई, पुणे और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में बिक रही हैं।

किसानों की आमदनी 4 गुना बढ़ी
अब 30,000 से ज़्यादा किसान सुवास के साथ जुड़ चुके हैं और विदेशी सब्ज़ियाँ उगाकर लाखों रुपये कमा रहे हैं।
उदाहरण के लिए, एक किसान स्वप्निल कोकरे पहले सिर्फ गन्ना उगाते थे, जिससे 1.5 साल में 3 लाख रुपये मिलते थे। अब वे ज़ुकीनी (एक विदेशी सब्ज़ी) भी उगाते हैं और सिर्फ 2 महीने में ही 3 लाख रुपये कमा लेते हैं।

सपना – किसानों को अमीर बनाना
सुवास का सपना है कि छोटे किसान भी ज़्यादा पैसे कमा सकें और अच्छी ज़िंदगी जी सकें। वे हर किसान को नई तकनीकों और विदेशी सब्ज़ियों की खेती सिखाना चाहते हैं ताकि उनकी आमदनी बढ़े और वे खुशहाल रहें।

(पूरा आर्टिकल आप thebetterindia.com में पढ़ सकते हैं।)​