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कुर्बानी की दुआ
اللّهُمَّ تَقَبَّلْ مِنِّي وَمِنْ أُمَّتِي إِنَّكَ أَنتَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ
"अल्लाहुम्मा तक्कबल मिन्नी व मिन्न उम्मती इन्नका अन्त अस-समीय' अल-अलीम"
तर्जुमा:
"हे अल्लाह! मेरी और मेरी उम्मत की कुर्बानी क़ुबूल कर, निश्चय ही तू सुनने वाला और जानने वाला है।"