رَبِّ لَا تَذَرْنِي فَرْدًا وَأَنتَ خَيْرُ الوَارِثِينَ

"रब्बी ला तज़रनी फ़र्दन व-अंता ख़ैरुल वारिथीन"

तर्जुमा:

"हे मेरे रब! मुझे अकेला मत छोड़, और तू सबसे अच्छा वारिस है।"

(यह दुआ सफलता, आशीर्वाद और जीवन में हर तरह की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए है। इसे पढ़ने से आत्मविश्वास बढ़ता है और मंजिल की ओर सही दिशा मिलती है। )