اللّهُمَّ اجْعَلْنِي مِنَ الَّذِينَ يَقُومُونَ لَيْلَ رَمَضَانِ إِيمَانًا وَاحْتِسَابًا

"अल्लाहुम्मा जअलनी मिन अल-लज़ीना यकूमून लैल रमजान ईमानन व इहतीसाबन"

तर्जुमा:

"हे अल्लाह! मुझे उन लोगों में से बना दे जो रमज़ान की रातों को ईमान और उम्मीद के साथ खड़ा होते हैं।"

(यह दुआ आपको तरावीह की नमाज़ पढ़ने के बाद और रमज़ान के पूरे महीने में पढ़नी चाहिए, ताकि आप रमज़ान की रातों का पूरा फायदा उठा सकें और अल्लाह से विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।)