سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ ۖ وَإِنَّا إِلَى رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ

"सुब्हाना अल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा व मा कुनना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इलाह रब्बिना लमुनक़लिबून"

तर्जुमा:

"पाक है वह (अल्लाह), जिसने हमारे लिए यह सफर आसान किया, और हम इसे करने में सक्षम नहीं थे। निश्चय ही हम अपने रब की ओर लौटने वाले हैं।"