इस्लाम धर्म दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में से एक है, जिसकी स्थापना 7वीं सदी में हिजाज़ (वर्तमान सऊदी अरब) में हुई। इस्लाम का आरंभिक इतिहास नबी हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से जुड़ा है, जिन्हें 610 ईस्वी में मक्का की एक गुफा, हिरा, में अल्लाह के फरिश्ते जिब्रील (अलैहि सलाम) के माध्यम से पहला वह्य (प्रकाशना) प्राप्त हुआ। इसी वह्य ने इस्लाम धर्म की नींव रखी।

" मक्का और प्रारंभिक संघर्ष "
इस्लाम की शुरुआत मक्का में हुई, जहां हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) ने एकेश्वरवाद (तौहीद) और समानता का संदेश दिया। उस समय अरब समाज जातिवाद, मूर्तिपूजा, और सामाजिक भेदभाव से भरा हुआ था। नबी (स.अ.व.) के संदेश ने इन प्रथाओं को चुनौती दी, जिसके कारण मक्का के प्रमुख लोगों ने उनका विरोध किया। मुसलमानों को बहुत यातनाएं दी गईं, लेकिन उनके ईमान ने उन्हें इस्लाम में दृढ़ बनाए रखा।

" हिजरत (मदीना की ओर प्रवास) "
मक्का में बढ़ते विरोध के कारण, नबी (स.अ.व.) और उनके अनुयायियों ने 622 ईस्वी में मदीना (तब यसरिब) की ओर हिजरत (प्रवास) किया। इसी घटना से इस्लामी कैलेंडर, हिजरी सन्, की शुरुआत हुई। मदीना में इस्लाम को एक संगठित समाज और राज्य का स्वरूप मिला। नबी (स.अ.व.) ने मदीना में विभिन्न धर्मों और जनजातियों के साथ सह-अस्तित्व और न्याय पर आधारित संविधान (मदीना चार्टर) बनाया।

" इस्लाम का विस्तार "
मदीना में इस्लाम मजबूत होने के बाद, कई लड़ाइयां हुईं, जैसे बद्र, उहुद, और खंदक, जिनमें मुसलमानों ने अपनी सुरक्षा के लिए संघर्ष किया। 630 ईस्वी में नबी (स.अ.व.) और उनके साथियों ने मक्का को बिना खून-खराबे के जीत लिया, और काबा को मूर्तिपूजा से मुक्त कर एकेश्वरवाद का केंद्र बनाया।

" खिलाफत काल (खलीफाओं का युग) "
632 ईस्वी में नबी (स.अ.व.) के निधन के बाद, चार खलीफाओं का काल (खुलफा-ए-राशिदीन) शुरू हुआ। ये खलीफा—हज़रत अबू बकर (रज़ि.), हज़रत उमर (रज़ि.), हज़रत उस्मान (रज़ि.), और हज़रत अली (रज़ि.)—ने इस्लाम को अरब प्रायद्वीप के बाहर फैला दिया। इस काल में इस्लामिक साम्राज्य ने फारस, रोम, मिस्र और अन्य क्षेत्रों तक अपनी सीमाओं का विस्तार किया।

" उम्मयद और अब्बासी ख़िलाफत "
खुलफा-ए-राशिदीन के बाद उम्मयद और अब्बासी ख़िलाफत का दौर आया। इस समय इस्लामिक साम्राज्य ने अपनी राजनीतिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक उपलब्धियों के कारण 'इस्लाम का स्वर्ण युग' देखा। बगदाद, दमिश्क, और कॉर्डोबा जैसे शहर इस्लामी ज्ञान और संस्कृति के प्रमुख केंद्र बन गए।

" आधुनिक युग में इस्लाम "
आज इस्लाम दुनिया के सभी हिस्सों में फैल चुका है और यह लगभग 1.9 अरब अनुयायियों के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। इस्लाम ने सदियों से विज्ञान, कला, वास्तुकला, साहित्य और समाज पर गहरा प्रभाव डाला है।

" इस्लाम का संदेश "
इस्लाम का संदेश मानवता के लिए शांति, दया, न्याय, और ईश्वर के प्रति समर्पण पर आधारित है। इस्लाम का मूल सिद्धांत तौहीद (एकेश्वरवाद) है, जिसका अर्थ है कि अल्लाह एक है, और केवल वही उपासना के योग्य है। यह विश्वास इंसान को यह समझने का अवसर देता है कि सृष्टि में हर चीज़ अल्लाह की इच्छा और आदेश के अधीन है। इस्लाम केवल एक धर्म नहीं है, बल्कि यह एक पूर्ण जीवन प्रणाली है, जो व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, और वैश्विक स्तर पर संतुलन और सुधार का संदेश देती है।