नियत : वुज़ू शुरू करने से पहले अपने दिल में यह इरादा करें कि आप अल्लाह की खुशी के लिए वुज़ू कर रहे हैं।
हाथ धोना:
1. पहले अपने हाथों को अच्छे से धो लें, दो बार या तीन बार धोना अच्छा है।
2. हाथों के अंगूठे और उंगलियों के बीच को अच्छे से साफ करें।
मुँह धोना:
1. पानी से मुँह को तीन बार धोएं।
2. पहले मुँह को अच्छी तरह से धोकर पूरे मुँह में पानी घुमा लें।
नाक में पानी डालना:
1. नाक में पानी डालकर नाक को अच्छे से साफ करें (इस्तिनशाक)।
2. नाक से पानी बाहर निकालें और इस प्रक्रिया को तीन बार करें।
चेहरे को धोना:
1. मुँह धोने के बाद, पूरे चेहरे को (कान की लकीर से लेकर ठोड़ी तक) तीन बार धोएं।
हाथ धोना:
1. दाहिने हाथ से पहले दाएँ हाथ को और फिर बाएँ हाथ को धोएं।
2. दोनों हाथों को अंगुलियों से लेकर कोहनी तक धोएं। तीन बार धोने की कोशिश करें।
सिर पर मसह (मुलायम मसह करना):
1. हल्का सा पानी लेकर सिर पर हाथ फेरें (मसह करें)।
2. सिर के आगे से लेकर पीछे तक हाथ फिराएं।
कान धोना:
1. सिर पर मसह करने के बाद, दोनों कानों को साफ करें।
2. अपने अंगूठों से कान के अंदर और बाकी अंगुलियों से कान के बाहर अच्छे से मसह करें।
पैर धोना:
1. पहले दाहिने पैर को धोएं, फिर बाएँ पैर को।
2. पैर को एड़ी से लेकर पंजे तक धोएं, और अंगुलियों के बीच को भी अच्छे से साफ करें।
3. तीन बार पैर धोने की कोशिश करें।
वुज़ू का अंतिम हिस्सा:
यदि कोई अंग शुद्ध नहीं है या गंदा है तो उसे धो लें। अगर मुँह, नाक, हाथ, या पैर पर कोई गंदगी हो, तो उसे हटा दें और फिर से वुज़ू करें।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
नियमितता: वुज़ू का उद्देश्य शरीर की शुद्धता है, तो इसे सही तरीके से करना चाहिए।
वुज़ू के टूटने के कारण: जैसे शौच जाना, सोना, या नहाना वुज़ू को तोड़ सकते हैं।
वुज़ू का पुनर्निर्माण: यदि वुज़ू टूट जाए तो इसे फिर से करना आवश्यक है।
वुज़ू एक साधारण शुद्धता की प्रक्रिया है, लेकिन इसकी सही तरीके से अदायगी महत्वपूर्ण है। वुज़ू के बाद, आप नमाज़ अदा करने के लिए पूरी तरह से तैयार होते हैं।